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दिल्ली में कांग्रेस सांसद की चेन छीनने का मामला सुलझा दिल्ली पुलिस ने शातिर चोर को किया गिरफ्तार

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7 अगस्त 2025 को, दिल्ली पुलिस ने एक सनसनीखेज चेन स्नैचिंग मामले को सुलझाने में बड़ी सफलता हासिल की, जिसमें तमिलनाडु से कांग्रेस की लोकसभा सांसद आर. सुधा की सोने की चेन छीनी गई थी। यह घटना दिल्ली के अति सुरक्षित चाणक्यपुरी इलाके में हुई थी, जिसने राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 24 वर्षीय शातिर अपराधी सोहन रावत उर्फ सोनू को गिरफ्तार किया है, जिसके खिलाफ पहले से ही 26 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस लेख में, हम इस घटना, इसकी पृष्ठभूमि, पुलिस की कार्रवाई, और दिल्ली में बढ़ते अपराधों के संदर्भ में विस्तार से चर्चा करेंगे।

घटना का विवरण: चाणक्यपुरी में सनसनीखेज वारदात

4 अगस्त 2025 की सुबह, लगभग 6:15 बजे, तमिलनाडु के मयिलादुथुराई से कांग्रेस सांसद आर. सुधा और डीएमके की राज्यसभा सांसद राजाथी सल्मा चाणक्यपुरी के पास पोलैंड दूतावास के आसपास सुबह की सैर पर थीं। यह क्षेत्र दिल्ली का लुटियंस जोन है, जो अपनी उच्च सुरक्षा और दूतावासों की मौजूदगी के लिए जाना जाता है। अचानक, एक हेलमेट पहने हुए मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति ने धीमी गति से उनकी ओर आकर सांसद सुधा की सोने की चेन छीन ली, जिसका वजन चार सोवरन (लगभग 32 ग्राम) से अधिक था। इस हमले में उनकी चूड़ीदार फट गई और उन्हें मामूली चोटें भी आईं।

सांसद सुधा ने तुरंत मदद के लिए आवाज लगाई, लेकिन आसपास कोई मदद के लिए नहीं आया। उन्होंने बताया कि लगभग 200 मीटर दूर एक पुलिस गश्ती वाहन दिखाई दिया, लेकिन उसने कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके बाद, उन्होंने अपने पार्टी के व्हिप मणिकम टैगोर को सूचित किया, जिन्होंने पुलिस को बुलाने में मदद की। सांसद ने इस घटना की शिकायत दर्ज की और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “यदि दिल्ली के इस उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में एक महिला सांसद सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों का क्या होगा?”

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया और तुरंत जांच शुरू की। दक्षिण जिले की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड (AATS) और दक्षिण-पश्चिम जिले की संयुक्त टीम ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी निगरानी की मदद से आरोपी की पहचान की। 6 अगस्त 2025 को, पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी, सोहन रावत उर्फ सोनू, ओखला के हरकेश नगर इलाके में छिपा हुआ है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से सांसद की चोरी गई सोने की चेन, घटना में इस्तेमाल की गई स्कूटर, एक अन्य चोरी की स्कूटर, चार चोरी के मोबाइल फोन, और अपराध के दौरान पहने गए कपड़े और हेलमेट बरामद किए गए।

दिल्ली पुलिस ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर इस सफलता की घोषणा की, जिसमें कहा गया, “माननीय सांसद की चेन छीनने का मामला सुलझा लिया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और चेन बरामद कर ली गई है। अधिक जानकारी जल्द साझा की जाएगी।”

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आरोपी का आपराधिक इतिहास

सोहन रावत, जिसे सोनू के नाम से भी जाना जाता है, एक शातिर अपराधी है, जिसके खिलाफ हौज खास, कालकाजी, सनलाइट कॉलोनी, मार कॉलोनी, आरके पुरम, नारायणा, और साकेत जैसे थानों में 26 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह 27 जून 2025 को ही एक वाहन चोरी के मामले में जमानत पर रिहा हुआ था। पुलिस के अनुसार, सोहन रावत का अपराध करने का तरीका सुनियोजित था। वह चोरी के वाहनों का उपयोग करता था और सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए अंधे स्थानों (ब्लाइंड स्पॉट्स) का फायदा उठाता था।

दिल्ली पुलिस के दक्षिणी रेंज के संयुक्त आयुक्त संजय जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह गिरफ्तारी एक संयुक्त ऑपरेशन का परिणाम थी, जिसमें तकनीकी साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दक्षिणी जिले में चेन स्नैचिंग से संबंधित पीसीआर कॉल में 20% की कमी आई है, और ऐसे मामलों में सुलझाने की दर 65% है।

दिल्ली में चेन स्नैचिंग: एक बढ़ता खतरा

यह घटना दिल्ली में चेन स्नैचिंग की बढ़ती समस्या को उजागर करती है। दिल्ली पुलिस के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2025 में 30 जून तक राष्ट्रीय राजधानी में 2,503 चेन स्नैचिंग के मामले दर्ज किए गए, जो प्रतिदिन औसतन 14 मामलों के बराबर है। हालांकि, 2024 में 3,381 और 2023 में 3,865 मामलों की तुलना में इस वर्ष मामलों में कमी आई है, फिर भी यह समस्या बनी हुई है।

चेन स्नैचिंग के अपराधी अक्सर चोरी के दोपहिया वाहनों का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है। कई बार सीसीटीवी कैमरे या तो काम नहीं करते या उनकी फुटेज स्पष्ट नहीं होती, जिससे जांच में बाधा उत्पन्न होती है। इसके अलावा, अपराधी हेलमेट और जैकेट का उपयोग करके अपनी पहचान छिपाते हैं और अपराध के बाद वाहन छोड़कर भाग जाते हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और कानून-व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की आलोचना की। कांग्रेस की राज्यसभा सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “जो क्षेत्र दूतावासों के लिए सुरक्षित माना जाता है, वहां इस तरह की घटना का होना नया और चिंताजनक है।” शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे “अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और पूछा, “जब चाणक्यपुरी जैसे उच्च सुरक्षित क्षेत्र में एक सांसद की चेन छीनी जा सकती है, तो आम जनता का क्या हाल होगा?”

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने भी इस घटना पर चिंता जताई और कहा कि अगर एक सांसद इस शहर में सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या होगा। उन्होंने कानून प्रवर्तन और नगर निकायों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।

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कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इस घटना को दिल्ली में “बिगड़ती कानून-व्यवस्था” का दैनिक प्रमाण बताया। सांसद सुधा ने स्वयं कहा कि यह हमला उन्हें मानसिक रूप से आघात पहुंचाने वाला था। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब भारत की राजधानी के उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र में एक महिला सुरक्षित नहीं है, तो लोग कहां सुरक्षित महसूस कर सकते हैं।

कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव

यह घटना दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था की कमियों को उजागर करती है। विशेषज्ञों और नागरिकों ने कई सुझाव दिए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. सीसीटीवी निगरानी में सुधार: दिल्ली में कई क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे या तो काम नहीं करते या उनकी गुणवत्ता खराब होती है। सभी कैमरों को अपग्रेड करने और नियमित रखरखाव की आवश्यकता है।
  2. पुलिस गश्त को मजबूत करना: चाणक्यपुरी जैसे वीआईपी क्षेत्रों में भी पुलिस गश्त में लापरवाही की शिकायतें सामने आई हैं। नियमित और प्रभावी गश्त सुनिश्चित करने की जरूरत है।
  3. तकनीकी निगरानी का विस्तार: चोरी के वाहनों और अपराधियों की पहचान के लिए तकनीकी निगरानी और डेटा विश्लेषण को और मजबूत करना होगा।
  4. सार्वजनिक जागरूकता और सहायता: नागरिकों को आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए प्रोत्साहित करने और पुलिस हेल्पलाइन को और सुलभ बनाने की आवश्यकता है।

दिल्ली पुलिस की चुनौतियां

दिल्ली पुलिस के लिए चेन स्नैचिंग जैसे अपराधों से निपटना एक बड़ी चुनौती है। अपराधी अक्सर सुनियोजित तरीके से काम करते हैं और जांच से बचने के लिए विभिन्न तरकीबें अपनाते हैं। इसके अलावा, बार-बार जमानत पर रिहा होने वाले अपराधी, जैसे सोहन रावत, फिर से अपराध करने में संकोच नहीं करते। यह स्थिति आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

निष्कर्ष

कांग्रेस सांसद आर. सुधा की चेन छीनने की घटना ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, दिल्ली पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी ने कुछ हद तक जनता का भरोसा बहाल किया है। फिर भी, यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि जब एक सांसद राजधानी के सबसे सुरक्षित क्षेत्र में असुरक्षित हो सकती है, तो आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी।

दिल्ली पुलिस को अब अपनी रणनीति को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें। साथ ही, सरकार और नागरिकों को मिलकर एक ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जहां हर व्यक्ति बिना डर के अपनी दिनचर्या पूरी कर सके। यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि सुरक्षा केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक सामूहिक प्रयास है।

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