आमना शरीफ करारा जवाब हर दिन नमाज पढ़ती हूं, मंदिर से आशीर्वाद लेती हूं, इंसान बनो

आमना शरीफ करारा जवाब हर दिन नमाज पढ़ती हूं, मंदिर से आशीर्वाद लेती हूं, इंसान बनो

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टीवी की दुनिया में ‘कहीं तो होगा’ सीरियल से घर-घर में पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस आमना शरीफ आज भी दर्शकों के दिलों में बसती हैं। लेकिन उनकी जिंदगी सिर्फ ग्लैमर और सफलता की कहानी नहीं है। 2013 में अमित कपूर से इंटरफेथ मैरिज करने के बाद से वह सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार होती रही हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में आमना ने इन ट्रोल्स को मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मैं हर दिन नमाज पढ़ती हूं, मंदिर से आशीर्वाद लेती हूं।” और ट्रोल्स को नसीहत देते हुए बोलीं, “इंसान बनो।” यह बयान न सिर्फ उनकी मजबूत सोच को दिखाता है, बल्कि समाज में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता पर भी सवाल उठाता है। इस लेख में हम आमना की जिंदगी, उनके संघर्ष, शादी और ट्रोलिंग पर उनके विचारों पर गहराई से नजर डालेंगे। यह कहानी प्रेरणा देती है कि प्यार और सम्मान धर्म की दीवारों से ऊपर है।

आमना शरीफ का जन्म 16 जुलाई 1982 को मुंबई में हुआ। वह एक मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा मुंबई में ही हुई, और उन्होंने मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत की। टीवी पर डेब्यू ‘कहीं तो होगा’ से हुआ, जहां उन्होंने कशिश का किरदार निभाया। यह शो 2003 से 2007 तक चला और आमना को स्टार बना दिया। उनके को-स्टार राजीव खंडेलवाल के साथ उनकी केमिस्ट्री को काफी पसंद किया गया। शो की सफलता ने उन्हें कई अवॉर्ड्स दिलाए, और वह टीवी की टॉप एक्ट्रेसेस में शुमार हो गईं। लेकिन शादी के बाद उन्होंने एक्टिंग से ब्रेक लिया, परिवार पर फोकस किया। आज वह सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और कभी-कभी शोज में नजर आती हैं। उनकी जिंदगी हमें सिखाती है कि सफलता के पीछे संतुलन जरूरी है।

करियर की शुरुआत: मॉडलिंग से स्टारडम तक

मॉडलिंग के दिनों की यादें

आमना ने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की। वह कई विज्ञापनों में नजर आईं, जैसे क्लोज-अप, नेस्कैफे आदि। इन ऐड्स ने उन्हें पहचान दी, और जल्द ही टीवी की दुनिया में एंट्री मिली। मॉडलिंग ने उन्हें आत्मविश्वास दिया, जो एक्टिंग में काम आया।

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‘कहीं तो होगा’ का जादू

2003 में स्टार प्लस पर शुरू हुआ ‘कहीं तो होगा’ आमना के लिए टर्निंग पॉइंट था। कशिश के रोल में वह इतनी फिट बैठीं कि दर्शक उन्हें रियल लाइफ में भी वैसी ही मानने लगे। शो में रोमांस, ड्रामा और फैमिली वैल्यूज का मिश्रण था। राजीव खंडेलवाल के साथ उनकी जोड़ी हिट रही, और शो ने TRP रिकॉर्ड तोड़े। इस सफलता ने आमना को इंडियन टेलीविजन अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब दिलाया।

अन्य शोज और ब्रेक

‘कहीं तो होगा’ के बाद आमना ‘होंगे जुदा न हम’, ‘एक थी नायिका’ जैसे शोज में नजर आईं। लेकिन 2013 में शादी के बाद उन्होंने ब्रेक लिया। वह कहती हैं कि परिवार प्राथमिकता है। आज वह इंस्टाग्राम पर 1 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स के साथ एक्टिव हैं, जहां फैशन और फैमिली मोमेंट्स शेयर करती हैं।

इंटरफेथ मैरिज प्यार की जीत

अमित कपूर से मुलाकात

आमना की अमित कपूर से मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई। अमित एक फिल्म प्रोड्यूसर हैं, और हिंदू परिवार से हैं। दोनों का प्यार परवान चढ़ा, और 2013 में उन्होंने शादी की। शादी सिंपल लेकिन ग्रैंड थी, जहां दोनों धर्मों के रीति-रिवाज अपनाए गए।

बेटी का जन्म और फैमिली लाइफ

शादी के कुछ साल बाद उनकी बेटी अरैन का जन्म हुआ। आमना कहती हैं कि मां बनना उनकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत पल था। वह और अमित मिलकर बच्ची की परवरिश करते हैं, जहां दोनों धर्मों की अच्छी बातें सिखाते हैं। आमना इंस्टाग्राम पर फैमिली पिक्चर्स शेयर करती हैं, जो फैंस को पसंद आती हैं।

समाज की चुनौतियां

इंटरफेथ मैरिज भारत में अभी भी टैबू है। आमना को शादी के बाद से ट्रोलिंग झेलनी पड़ी। लोग कहते हैं कि वह धर्म बदल रही हैं या मुस्लिम होते हुए हिंदू रीति अपना रही हैं। लेकिन आमना मजबूती से खड़ी रहीं।

3. ट्रोलिंग का सामना: सोशल मीडिया का अंधेरा पक्ष

ट्रोल्स के कमेंट्स

सोशल मीडिया पर आमना की पोस्ट्स पर कमेंट्स आते हैं जैसे “मुस्लिम होकर मंदिर क्यों जाती हो?” या “शादी से धर्म भूल गईं?”। ये ट्रोल्स धार्मिक आधार पर हमला करते हैं, जो मानसिक तनाव देता है।

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सेलिब्रिटीज की कॉमन समस्या

आमना अकेली नहीं हैं। कई सेलिब्रिटीज जैसे देवोलीना भट्टाचार्जी भी इंटरफेथ मैरिज के लिए ट्रोल हुईं। यह समाज की संकीर्ण सोच दिखाता है।

ट्रोलिंग का प्रभाव

ट्रोलिंग से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। आमना कहती हैं कि शुरू में दुख होता था, लेकिन अब इग्नोर करती हैं। वह फैंस से कहती हैं कि पॉजिटिव रहो।

आमना का जवाब धर्म और इंसानियत पर विचार

रोजाना नमाज और मंदिर जाना

आमना ने इंटरव्यू में कहा, “मैं हर दिन नमाज पढ़ती हूं, मंदिर से आशीर्वाद लेती हूं।” यह उनके लिए धर्म की सच्ची भावना है सम्मान और सद्भाव। वह कहती हैं कि पति अमित भी मस्जिद जाते हैं।

ट्रोल्स को नसीहत इंसान बनो

ट्रोल्स को जवाब देते हुए आमना बोलीं, “इंसान बनो।” उनका मतलब है कि धर्म से ऊपर इंसानियत है। प्यार में धर्म बाधा नहीं बनना चाहिए। यह बयान वायरल हो गया, और कई लोगों ने सपोर्ट किया।

इंटरफेथ हार्मनी का संदेश

आमना की कहानी बताती है कि भारत जैसे विविध देश में सद्भाव जरूरी है। वह युवाओं से कहती हैं कि प्यार करो, सम्मान दो।

जीवन के सबक प्रेरणा और मजबूती

परिवार का महत्व

आमना की जिंदगी में परिवार सबसे ऊपर है। वह कहती हैं कि बेटी को दोनों धर्मों की अच्छी बातें सिखाती हैं, जैसे त्योहार मनाना।

सेलिब्रिटी लाइफ की हकीकत

स्टारडम के पीछे चुनौतियां हैं। आमना ने ब्रेक लिया, लेकिन वापसी की प्लानिंग कर रही हैं। वह नई जनरेशन को सलाह देती हैं कि हेल्दी बैलेंस रखो।

भविष्य की योजनाएं वापसी और संदेश

एक्टिंग में कमबैक

आमना जल्द ही नए प्रोजेक्ट्स में नजर आ सकती हैं। वह वेब सीरीज पर फोकस कर रही हैं।

सोशल मैसेज

वह ट्रोलिंग के खिलाफ आवाज उठाती रहेंगी। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि प्यार जीतता है।

अंतिम विचार

आमना शरीफ की जिंदगी प्रेरणा है। ट्रोलिंग के बावजूद वह मुस्कुराती रहती हैं। उनका बयान “इंसान बनो” समाज को आईना दिखाता है।

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